गृहिणियों एवं महिला कृषकों हेतु अनुशंसा इस प्रकार है :
- रबी फसलों हेतु घर के बने बीज की ग्रडिंग एवं साफ सफाई करें फिर अंकुरण परीक्षण करें. 75 % से कम अंकुरण आने पर बीज बदल दें.
- घर के आसपास की भूमि पर गृहवाटिका में परिवार के सदस्यों हेतु जैविक ढंग से पौष्टिक सब्जी-भाजी जैसे लौकी, तोरई, भिण्डी, बैंगन, सेम, टमाटर आदि बोयें । इनमें रसायनों का उपयोग कतई न करें।
- कृषक समूह / कृषक महिला समूह बनायें । सामूहिक भावना से कार्य करें और समूहों को प्राप्त होने वाले लाभ लें।
- उपयोग के बाद समस्त कृषि यंत्रों की सफाई करें, आयलिंग करें एवं ग्रीस लगायें ताकि जंग लगने से सुरक्षा कर सकें ।
- नीम की पत्ती तथा निबौली उबालें तथा ठण्डा होने पर मसल कर छानें । छानकर निकाले हुए प्रति लीटर रस में 1 छोटी चम्मच डिटर्जेन्ट पाऊडर मिलाकर सब्ज़ियों पर प्रति सप्ताह छिड़काव करें जिससे पौध सुरक्षा सुंश्चित हो ।
- कद्दूवर्गीय सब्ज़ियों में लाल कीड़े का प्रकोप होने पर चूल्हे की ठंडी राख का भुरकाव करें ।
- भोजन में अधिकाधिक रंग की सब्ज़ियों को शामिल करें । भोजन में जितनी अधिक रंग की साग सब्जियाँ होंगी भोजन उतना ही अधिक पौष्टिक होगा ।
- कतारों में बोई गई सब्ज़ियों में साईकिल कुल्पा (हैण्ड व्हील हो) द्वारा निंदाई - गुड़ाई करें अथवा मिट्टी चढ़ायें ताकि शारीरिक श्रम में कमी आये तथा समय की बचत हो । कुल्पे के उपयोग से पौधे का विकास बेहतर होता है एवं उपज में वृद्धि होती है । इस यंत्र पर 50 प्रतिशत अनुदान पाने हेतु अपने क्षेत्र के ग्राम सेवक से अपना प्रकरण बनवायें ।
- रबी फसलों हेतु घर के बीज की ग्रेडिंग व साफ-सफाई कर अंकुरण परीक्षण करें तथा अपना बीज स्वयं बनायें ।
- बचत करें एवं अपनी बचत को बैंकों या पोस्ट आफिस में रखें ताकि उचित ब्याज प्राप्त होता रहे ।
- फसलों पर उपयोग किये जाने वाले रसायनों को बच्चों की पहुँच से दूर रखें ।
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